सोहम शाह ने 'तुम्बाड' के पुनः रिलीज़ पर शेयर किए अनदेखे शॉट्स
'तुम्बाड' की पुनः रिलीज़ पर सोहम शाह ने फिल्म से पहले शॉट और हस्टर के अनदेखे स्टिल्स साझा किए। फिल्म ने हॉरर शैली में नया मील का पत्थर स्थापित किया।
भारतीय सिनेमा की एक उत्कृष्ट हॉरर फिल्म तुम्बाड ने अपनी कहानी और दृश्यात्मकता से दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई थी। अब, इस फिल्म की पुनः रिलीज़ की घोषणा ने फिर से इसके चाहने वालों में उत्साह भर दिया है। फिल्म के निर्माता और प्रमुख अभिनेता सोहम शाह ने इस मौके पर कुछ अनदेखी तस्वीरें और फिल्म के पहले शॉट की झलक साझा की है, जिसे देखकर दर्शकों की पुरानी यादें ताज़ा हो गई हैं।
सोहम शाह का सोशल मीडिया पोस्ट:
सोहम शाह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर फिल्म से जुड़े कुछ खास क्षणों की तस्वीरें साझा कीं, जो इससे पहले कभी नहीं देखी गई थीं। इन तस्वीरों में फिल्म के प्रतिष्ठित किरदार हस्टर को देखा जा सकता है, जिसे फिल्म में उसकी खौफनाक और रहस्यमयी उपस्थिति के लिए सराहा गया था।
सोहम ने तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा, "यह फिल्म मेरे दिल के बेहद करीब है। इसे फिर से दर्शकों के सामने पेश करना एक गर्व की बात है। ये तस्वीरें खास हैं, क्योंकि इन्हें पहले कभी साझा नहीं किया गया था। मुझे उम्मीद है कि फिल्म की पुनः रिलीज़ दर्शकों के लिए एक नई और रोमांचक अनुभव होगी।"
हस्टर का अनदेखा रूप:
तस्वीरों में हस्टर का रूप बहुत ही डरावना और प्रभावशाली दिख रहा है। तुम्बाड के इस किरदार ने दर्शकों को न केवल डराया बल्कि उन्हें सोचने पर मजबूर किया कि लालच और अंधविश्वास कैसे मनुष्य को बर्बाद कर सकते हैं।
हस्टर का किरदार फिल्म में लालच और धन के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया गया था, जिसने मुख्य पात्र को पूरी फिल्म के दौरान भय और संकट में डाला। यह किरदार आज भी भारतीय सिनेमा के सबसे यादगार और डरावने किरदारों में से एक है।
तुम्बाड की कहानी:
तुम्बाड की कहानी 1918 के भारत के ग्रामीण महाराष्ट्र में सेट है। फिल्म की शुरुआत में, हम देखते हैं कि मुख्य पात्र, विनायक राव (सोहम शाह), अपनी दादी की एक पुरानी कहानी में बंधा हुआ है, जिसमें एक छिपे हुए खजाने की बात की गई है। यह खजाना एक देवता हस्टर से जुड़ा हुआ है, जिसे शाप दिया गया था कि वह कभी संतुष्ट नहीं हो सकता।
फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे विनायक खजाने की खोज में अपनी जिंदगी को जोखिम में डालता है, और अंततः उसे समझ आता है कि लालच विनाश का मार्ग है। इस कहानी को दर्शकों ने खूब सराहा था, क्योंकि यह केवल एक हॉरर फिल्म नहीं थी, बल्कि इसमें गहरे सामाजिक संदेश भी निहित थे।
फिल्म की वापसी का कारण:
तुम्बाड की वापसी का मुख्य कारण फिल्म के प्रति दर्शकों का अटूट प्रेम और इसके अद्वितीय स्वरूप को फिर से बड़े पर्दे पर लाने की मांग थी। 2018 में अपनी रिलीज़ के समय, यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर भले ही एक बड़ी हिट न रही हो, लेकिन समय के साथ इसने एक विशेष वर्ग के दर्शकों के बीच अपनी जगह बना ली।
कई फिल्म समीक्षकों ने भी इस फिल्म की सराहना की थी और इसे भारतीय सिनेमा में एक नई दिशा देने वाली फिल्म करार दिया था। इसके अनोखे दृश्य, प्राचीन भारत का सजीव चित्रण और हॉरर शैली में नए प्रयोगों ने इस फिल्म को कालजयी बना दिया है।
तुम्बाड की सफलता:
फिल्म की सफलता केवल इसकी कहानी और अभिनय तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसके प्रोडक्शन डिज़ाइन, सिनेमेटोग्राफी और विजुअल इफेक्ट्स ने भी इसे खास बनाया। इसके प्रभावशाली दृश्य, विशेष रूप से बारिश में ढके हुए गांव के दृश्य और हस्टर का भयानक स्वरूप, दर्शकों के दिलों में एक स्थायी छाप छोड़ गए।
तुम्बाड का संगीत और बैकग्राउंड स्कोर भी इसकी कहानी के साथ गहराई से जुड़ा हुआ था, जिसने फिल्म के रोमांच और डर को और बढ़ा दिया। फिल्म की अवधि भले ही कम थी, लेकिन इसमें दिए गए संदेश और भावनाएं गहरी थीं, जो दर्शकों के साथ लंबे समय तक बनी रहीं।
पुनः रिलीज़ से दर्शकों की उम्मीदें:
फिल्म के प्रशंसकों को उम्मीद है कि पुनः रिलीज़ के दौरान फिल्म में कुछ नई और अतिरिक्त चीजें भी देखने को मिलेंगी। हालांकि सोहम शाह ने अभी तक इस बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं दी है, लेकिन उनके सोशल मीडिया पोस्ट्स से यह स्पष्ट है कि फिल्म की पुनः रिलीज़ एक विशेष अनुभव होने वाली है।
दर्शकों को उम्मीद है कि वे फिर से उस अद्वितीय यात्रा पर जा सकेंगे, जिसमें डर, लालच और इतिहास का मिश्रण उन्हें एक बार फिर से रोमांचित करेगा। तुम्बाड जैसी फिल्में दुर्लभ होती हैं, और इसका पुनः आगमन एक सुनहरा अवसर है कि नए दर्शक भी इस अद्वितीय फिल्म का आनंद ले सकें।