"150 रुपये देगा" डायलॉग से फेमस हुए 'कचरा सेठ', मनोज जोशी की एक्टिंग को मिला पद्मश्री सम्मान

"150 रुपये देगा" डायलॉग से फिल्म 'फिर हेरा फेरी' के कचरा सेठ के रूप में मशहूर हुए मनोज जोशी ने अपनी बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों का दिल जीता। उनकी अदाकारी के लिए उन्हें पद्मश्री और नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया है।

Update: 2024-09-03 11:31 GMT

मनोज जोशी

"150 रुपये देगा" डायलॉग सुनते ही हर किसी के दिमाग में फिल्म 'फिर हेरा फेरी' के कचरा सेठ की छवि उभर आती है। इस किरदार को पर्दे पर जीवंत बनाने वाले अभिनेता मनोज जोशी ने अपनी शानदार एक्टिंग और कॉमिक टाइमिंग से न केवल इस किरदार को अमर कर दिया बल्कि दर्शकों के दिलों में भी अपनी खास जगह बनाई।

चाहे 'भूल भुलैया' हो, 'फिर हेरा फेरी' हो, या 'गोलमाल', हर कॉमेडी फिल्म में मनोज जोशी का किरदार कुछ अलग ही रंग बिखेरता है। मराठी थिएटर से अपने करियर की शुरुआत करने वाले मनोज जोशी ने गुजराती और हिंदी सिनेमा में भी अपनी एक्टिंग का जलवा दिखाया है।

मनोज जोशी का जन्म 3 सितंबर 1965 को गुजरात में हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत थिएटर से की, लेकिन जल्द ही फिल्मों का रुख किया। 1999 में आई फिल्म 'सरफरोश' में पुलिस अधिकारी की भूमिका में नजर आए मनोज जोशी को व्यापक पहचान मिली, लेकिन असली पहचान उन्हें 2006 में 'फिर हेरा फेरी' में कचरा सेठ के किरदार से मिली।

उनकी कॉमिक टाइमिंग और संवाद अदायगी इतनी जबरदस्त थी कि दर्शकों ने उन्हें सिर आंखों पर बिठा लिया। इसके बाद उन्होंने 'गोलमाल', 'चुप चुप के', 'भागम भाग', 'विवाह', 'हमको दीवाना कर गये', 'गुरु', 'भूल भुलैया', और 'मेरे बाप पहले आप' जैसी कई फिल्मों में अपनी शानदार अदाकारी का जलवा बिखेरा।

1998 से अब तक मनोज जोशी ने 60 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है। इसके अलावा उन्होंने कई टीवी सीरियल्स में भी काम किया, जिनमें 'चाणक्य', 'एक महल हो सपनों का', 'राऊ (मराठी)', 'संगदिल', 'कभी सौतन कभी सहेली', 'खिचड़ी' शामिल हैं।

अपनी मेहनत और प्रतिभा के दम पर फिल्म इंडस्ट्री में खास मुकाम बनाने वाले मनोज जोशी को उनकी अदाकारी के लिए पद्मश्री और नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया। वह बॉम्बे आर्ट सोसाइटी के उपाध्यक्ष भी हैं।


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